Friday, July 14, 2023

42>হিন্দি ভজন (4খন্ড)ok हिन्दी

 


 42>হিন্দি ভজন (4খন্ড)ok हिन्दी


●1>ऐसी लागी लगन

 ●2>खण्डन भव

 ●3>प्रेम मुदित मन से कहो

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●1>ऐसी लागी लगन

है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,

है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे ।

बेकार वो मुख है जो व्यर्थ बातों में,

मुख है वो जो हरी नाम का सुमिरन किया करे ॥

हीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ की,

है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे ।

मर के भी अमर नाम है उस जीव का जग में,

प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे ॥


ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥


महलों में पली, बन के जोगन चली ।

मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ॥


कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।

बैठी संतो के संग, रंगी मोहन के रंग,

मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी ।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥


राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,

मीरा सागर में सरिता समाने लगी ।

दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥

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 ●2>खण्डन भव

 

खण्डन भव बन्धन जग वन्दन वन्दि तोमाय।

निरञ्जन नररूपधर निर्गुण गुणमय ॥

मोचन अघदूषण जगभूषण चिद्घनकाय।

ज्ञानाञ्जन विमल नयन वीक्षणे मोह याय ॥

भास्वर भाव सागर चिर उन्मद प्रेम पाथार ।

भक्तार्जन युगलचरण तारण भव पार ॥

 

जृंभित युग ईश्वर जगदीश्वर योगसहाय ।

निरोधन समाहित मन निरखि तव कृपाय ॥

भञ्जन_दुःखगञ्जन करुणाघन कर्मकठोर ।

प्राणार्पण जगत_तारण कृन्तन कलिडोर ॥

वञ्चन कामकाञ्चन अतिनिन्दित इन्द्रिय राग ।

त्यागीश्वर हे नरवर देह पदे अनुराग ॥

निर्भय गतसंशय दृढनिश्चयमानसवान ।

निष्कारण भकत_शरण त्यजि जातिकुलमान ॥

सम्पद तव श्रीपद भव गोष्पद वारि यथाय ।

प्रेमार्पण समदरशन जगजन दुःख याय ॥

नमो नमो प्रभु वाक्यमनातीत

मनोवचनैकाधार

ज्योतिर ज्योति उजल हृदिकन्दर

तुमि तमोभञ्जनहार ॥

धे धे धे लंग रंग भंग बाजे अंग संग मृदंग

गाइछे छन्द भकतवृन्द आरति तोमार ॥

जय जय आरति तोमार

हर हर आरति तोमार

शिव शिव आरति तोमार ॥

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●3>प्रेम मुदित मन से कहो

प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम,

राम राम राम, श्री राम राम राम |

पाप कटें दुःख मिटें लेत राम नाम |

भव समुद्र सुखद नाव एक राम नाम ||

परम शांति सुख निधान नित्य राम नाम |

निराधार को आधार एक राम नाम ||

संत हृदय सदा बसत एक राम नाम |

परम गोप्य परम इष्ट मंत्र राम नाम ||

महादेव सतत जपत दिव्य राम नाम |

राम राम राम श्री राम राम राम ||

मात पिता बंधु सखा सब ही राम नाम |

भक्त जनन जीवन धन एक राम नाम ||

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